• Published : 22 May, 2017
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तू ही  जहान मेरा और तू जिस्म-ओ-जाँ भी है, 

वो  मुझसे   दूर रहा और मगर वो आस भी है। 

 

तेरी   नज़र से  ही पी लू के नश्शा नश्शा ही है, 

वो  मेरे   पास   रहा और  वो मुझसे दूर भी है।

 

दवा  अगर   जो   मिले   इश्क   के  पैमानो से,

जो   रहा   है इश्क   मेरा अब वो बंदगी भी है।

 

वफा   करो   भी  उन्ही   से जो   हम-नवाई  है, 

कभी   रहे   जो  हम-नवा  वो अब दुआ भी है। 

 

कमी   रहेगी   मुझे  उम्र भर  ही   जान-ए-वफा,

कभी   रहे जो तलब अब वो जान-ए-जाँ भी है। 

 

क्यूँ   तुझको   चाहने की सज़ा यूँ मुझको  मिले,

तेरे    बगैर   जो जी   लू   तो ये   अज़ाब भी है। 

 

शम   कभी  क्यूँ   मुझे आ के   इलित्जा यूँ करे,

हम   जल ही जायेंगे जो तुझसे रू-बर-रू भी है।

 

क्यूँ   सब्र और  तलब अब तो सब आज़ार ही है, 

ये    कब   हुआ   कि ज़मी  यूँ ही आसमाँ भी है। 

 

गुज़र   रहा   था    मिला राह  पर मुझे संग-दिल,

तुझसे   वस्ल   पे   बाकि  आज क्यूँ सदी भी है। 

 

तू गर हो साफ वले  कह दू हाल-ए-दिल  तुझको, 

अगर  तू पास   मेरे   क्यूँ   खला   अभी   भी है। 

 

दिल   की एक   ख्वाहिश है तू बने मकाम-ए-जाँ, 

फिर  ख़ार   गर   हज़ार   रहे राह तू अभी भी है। 

 

क्यूँ   रूठकर   मुझसे   जा   रहे हो जान-ए-वफा,

कर   के   हौसला मुझको  कह दे बात जो भी है।

 

शर्म   के   हज़ार.  हिजाब   आेढ़    के  तू बैठा है,

हर    नकाब   आज  उठा कह दे गर गिला भी है। 

 

रात   भर    तेरे  ही    मै  शीरी  ख्वाब बुनता रहा,

क्यूँ    बे-सबूर   है   दिल   और   इज़्तिराब भी है।

 

हर  वो शक्ल जो  के तेरे अक्स का कहीं मुझ पर,

तू    ही   तू है हर जगह और तेरा अहसास भी है। 

 

तू   रहा   यूँ मुझसे   जुदा क्या  खबर रही तुझको, 

उम्र   भर   कोई  तुझको याद कर के जीता भी है। 

 

जी   रहा   हूँ मै   तन्हा   तेरे   बिन   ये जाँ क्या है, 

क्या   कहे  दुआ   क्या   है   कोई   जी रहा भी है। 

 

भीड़ मे    लगा   तन्हा    उनसे   हो   कर  के जुदा,

उम्र   से   जुदा   हूँ   मै   पर  धुआँ  अभी  भी   है। 

 

अब तो शब ये आलम है क्या कहूँ किसी से ही क्यूँ,

शाम    है    अभी   बाकि  जाम जाम-ए-तर भी है।

 

वो    करम   करे    मुझपर   खुदाया   खुदा  करके,

अब    "विनोद"   सोचे  है  तू क्या कहीं खुदा भी है। 

 

हर   दुआ   ये   मुझसे   ही क्यूँ  आके लौट जाती है,

जिस  तरह   के  प्यास तेरी लब के आसपास भी है। 

 

हम-नवाई (ہم نوائی) - in same voice

हम-नवा (ہم نوا) - speaking in unison, friend

जान-ए-वफा - life of constancy 

जान-ए-जाँ - life of life, soul

तलब-search 

संग-दिल - merciless.

खला- vaccum 

मकाम-ए-जाँ - destination of life.

ख़ार - thorn

बेताबी -restless

इज्तिराब़ - restlessness 

अहसास - feel, realize,  महसूस 

जाँ- soul, life

जाम-ए-तर - full glass of wine

खुदाया - for the god sake

आज़ार - suffering 

रू-बर-रू - in face to face 

अज़ाब (عذاب) - torment/agony/death, यातना, तकलीफ़

वजूद (وجود) - existence, being, life

About the Author

Vinod Chawla

Joined: 17 Mar, 2017 | Location: , India

Writing ghazals hindi/urdu and stories....

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