• Published : 27 Aug, 2015
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देखो तुम सपनों में आना 
और फिर मेरे ही हो जाना 
बसकर मेरी इन साँसों में 
तुम मचल-मचल सो जाना 
देखो तुम सपनों में आना.....

स्वप्निल दुनिया के आँचल में 
हम जी भर जीवन जी लेंगे 
हर चाह अधूरी, कर लेंगे पूरी 
और तड़पन में प्राण भर देंगे 
जीवन को दे नयी लय तुम 
सरस, मधुर गीत गा जाना 
देखो तुम सपनों में आना.…

तेरे आने की चाह में प्रियतम
मैंने नींदों को बहलाया 
सपनों में खींच नयी रेखायें 
नया इक जीवन चित्र बनाया 
ये जीवन इक पंथ कंटीला 
तुम सपनों की सेज सजाना 
देखो तुम सपनों में आना.…

तुझसे मिलन की तड़पन में 
दुल्हन हुई लजाई धड़कन 
खो गयी मेरी सारी चपलता 
बसंत हुआ मेरा मन मधुबन 
अब तेरे प्रेम की भाँवरों से 
स्मृतियों का है ब्याह रचाना 
देखो तुम सपनों में आना.…

देखो तुम सपनों में आना 
और फिर मेरे ही हो जाना 
बसकर मेरी इन साँसों में 
तुम मचल-मचल सो जाना 
देखो तुम सपनों में आना

About the Author

Meena Sood

Joined: 25 Aug, 2015 | Location: , India

अपनी खिली मुस्कान की सबको देते रहना सौग़ात चाहे  आसां' हो ज़िन्दगी; या  हों मुश्क़िल  हालात.....

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