• Published : 20 Aug, 2015
  • Comments : 0
  • Rating : 0

मै अँधेरी इन गलियों मे 

अब तम से डरना भूल गया

यादें तेरी अब सांसों मे 

मै जीना मरना भूल गया

मै बातें करता रातो मे 

उस सशि से मिल्ना भूल गया

चाँद से रौशन चेहरे को 

अपना भी कहना भूल गया

मेरी दुनिया बस थी तुझ मे 

अपनो से भि मिलना बहल गया

तु चाहत थी या पागलपन 

मै खुद से मिलना भूल गया

मेरा मंदिर-मस्जिद तुझ मे 

अब पूजा करना भूल गया

तेरे कहने पर ऐ काफिर 

खुदा से भि डरना भूल गया

About the Author

Vaibhav Tiwari

Joined: 16 Aug, 2015 | Location: ,

...

Share
Average user rating

0


Please login or register to rate the story
Total Vote(s)

0

Total Reads

679

Recent Publication
Love...Always New
Published on: 24 Aug, 2015
Megh Neer
Published on: 20 Aug, 2015
Someone I Loved
Published on: 20 Aug, 2015

Leave Comments

Please Login or Register to post comments

Comments