
कहते तो हो कि भूल जाओ हमें,
याद न आओ तुम भी तो ये कसम रखना !!
मुहब्बत मोहताज नहीं जांनिसारी की मानें,
दुआ-सलाम का सिलसिला तो कम से कम रखना !!
चुभन बिरह की दिल से जाए कि ना जाए,
चलो चेहरे पर फिर भी तबस्सुम रखना !!
नामावर हैं यूं तो दिल से दिल की राहें,
दो घङी हमसे फिर भी मुकालम: रखना !!
भर जाएंगे यू तो जख्म वक्त की आङ में,
कोने में किसी दिल के हमारी कसक रखना !!
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