• Published : 09 Apr, 2016
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बादल अक्सर आकाश को छुपाते हैं

और जब बारिश होती हैं तो कही,

ये बूंदे हरियाली तो कही,

वो बाढ़ का गम देती हैं ,

जब वो सूरज की रौशनी दिखती हैं तो,

वो आपसे कुछ मागती जरूर हैं,

जरूरत अक्सर वक़्त देता हैं तो लेता हैं,

और कुछ इसी तरह ये ज़िंदगी,

ज़िंदगी वो नहीं जो आप जीते हैं,

ज़िंदगी वो हैं जिससे लोग आप से जीते,

अक्सर ज़िंदगी बहुत भारी लगती हैं,

इसे इतना तो हल्का करें की,

वक़्त पर इसे कोई आसानी से उठा सके....

ज़िंदगी बहुत छोटी हैं इसे भागकर लंबा ना करें दोस्तों....

अक्सर इसे जीके लंबा करें...

सभी को दोस्त नहीं मिलते...

About the Author

Tarun Kumar Saini

Joined: 03 Jan, 2016 | Location: ,

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