अभी मेरे बारे में कोई राय न रखे जनाब,
अभी मेरी ज़िन्दगी के कई मुकाम बाकी है..
अभी तोह बाकी है आज़माइश मेरे हुनर की,
अभी सैकड़ो मुक़म्मल करने काम बाकी है..
अभी महफ़िल-ऐ-ज़िन्दगी में दस्तक दी है मैंने,
अभी तोह परोसने जीत के जाम बाकी है..
अभी तोह पहचान नहीं है, मेरी खुद की खुद से,
अभी तोह लाखों दिलों पे लिखने नाम बाकी है..
अभी तोह बह जाते है हम, तकदीर की लहरों में,
अभी मंजिल के साहिल को अपना सलाम बाकी है..
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