दिल के किसी कोने में एक दर्द ज़िंदा आज भी है,
खोया था जिस दिन तुझे, वो दिन ताज़ा आज भी है!!
इस दिल में कही, तुझसे बिछड़ने का ग़म/ की तीस आज भी है,
इस ज़ेहन में वो मंज़र ज़िंदा आज भी है
रोके नहीं रोक पाटा में इन आंसुओ के सैलाब को
इन आँखों में तुझसे दूर होने का मंज़र जिन्दा आज भी है
मेरे इस मुस्कुराते चेहरे पर, तुझे खोने की वो सिकंद बरक़रार आज भी है
वक़्त ने जो ज़ख्म दिए है तुझे मुझसे छीनकर के, दिल पर वो निसान ताज़ा आज भी है!!
सोचता हू में ये, कभी वक़्त के जाल से तू फिर लौट आएगा
एक बार फिर से वक़्त को हराएगा!!
यही रहता है अब ख्वाबो में मेरे की तू कभी किसी बहाने से तो लौट आएगा
नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाएगा !!
आज भी उस वक़्त के इन्तिज़ार में हु खड़ी
तू लोट आये जिस पल, जिस घडी
बचपन के दिन जो गुज़रे है तेरे बगैर
उन दिनों में तेरे न होने का एहसास आज भी है
न जाने क्यों फिर से आज वही तेरे संग बचपन के दिन फिर से जीनो को दिल चाहता है
भूल जाऊ सारा ज़माना तेरी खोदी में सर रखके सोने को अब दिल चाहता है
बचपन के उन दिनों की तरह तेरा हाथ थाम के
पूरा ज़माना तेरी आँखों/ तेरे साथ से देखनी की चाह आज भी है
मेरी इन बेखौफ निगाहो में, तुझे खोने की वो चुबन आज भी है
एक अरसे बाद भी इन् निगाहो को तेरा इन्तिज़ार आज भी है
मुदतो तक रोया है दिल बार-बार मेरा तेरे लिए,
क्यूंकि तेरी कमी इस ज़िन्दगी में बरक़रार आज भी है
हर रात तेरी यादो के चराग जलता हु में,
और फिर खुद ही उन्हें रो-रो के भुजता हु में !!
तेरी यादें दफ़न इस सीने में कही आज भी है
मेरे दिल की गहराईओं पर तेरा नाम आज भी है
मुझे तेरा इन्तिज़ार आज भी है
तुझसे मिलने की ख्वाइश में मैं ज़िंदा आज भी हु
तेरे बिन कैसे काटते है ये दिन-ओ-रात मेरे
इसका अंदाज़ा बस उस भगवन को है
तुझे वापस पाने के लिए सजदे किये कई हज़ार
मंदिरो-मस्जिदो की चोकट पर सर झुकाये मेने बार-बार
अब क्या रखा है इस दौर-इ-हयात में तेरे बिना
मुझे तो बस अब इन साँसों के थमने का इंतिज़ार है
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