अपने जीवन की नैया खेता एक नन्ही जान हूँ ज़िन्दगी के इन अजीब रास्तों से अनजान हूँ इन्द्रधनुषी दुनिया में कुछ वक़्त का मेहमान हूँ खुदा की लिखी आयत का कोई बिछड़ा पैगाम हूँ ज़िन्दगी में अपने वजूद को ढूंढ़ता इक इंसान हूँ मैं सिर्फ इक इंसान, मैं सिर्फ इक इंसान हूँ~ © निशांत भटनागर
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