• Published : 30 Sep, 2015
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तेरे लब पे ना आयेगा नाम जानता हूँ
मैं अपनी  वफ़ा का  ईनाम जानता हूँ
एक टुकड़ा दिल हमेशा खोजता तुमको
भले ही  मैं तुम्हारा  पयाम जानता हूँ
सितारों  से आगे जहाँ  भी  है देखा
मैं इश्क़  के सारे  अहकाम जानता हूँ
दिल से क्या कहूँ के भूल जाए तुमको
इस दिल की रगों का निज़ाम जानता हूँ
हुई शाम फिर बज़्म-ए-गम लग गयी
फिर होगा वो ही ज़हर जाम जानता हूँ
सजाया भले ही नशेमन तिनका तिनका
ना  है ये  तुम्हारा  मक़ाम जानता हूँ
ना आती मुझे ये दिल को देना तसल्ली
मैं  मासूम दिल  का अंजाम जानता हूँ
आख़िरी तबियत  म़ें  पूछ लूंगा फैसला
मौत का  यूं अपनी इंतेज़ाम जानता हूँ
असक़ाम-ए-शब  शराबी  दरवेश बरबर
बदनाम  मैं  उम्र-ए-तमाम  जानता हूँ

 

About the Author

Anwar Jamal

Joined: 31 Aug, 2015 | Location: ,

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