वो एक वादा दिन, तो एक रात करे है
कैसे बदल बदल के हमसे बात करे है
जोड़े है वो निसबतें भी हालाँकि हामी से
लेकिन बग़ावतें भी साथ साथ करे है
यादों पे नयी ज़िंदगी की खाक़ डाल कर
मुझे भुलाने की कोशिशें दिन रात करे है
केह्दो कोई उससे के अब ना आए कभी वो
मियाँ “यासीन” अब दर्द से मुलाकात करे है
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