Baanjh (Hindi Translation) - Stree Man ke Adkhule Panne
About the Book
Translated by Deepak Dua (Click here to know more about the translator)
बांझ, स्त्री मन के अधखुले पन्ने, सुष्मिता मुखर्जी के अनुभवों और अवलोकनों से उपजीं 11 कहानियों का यह संग्रह आपको स्त्रियों के देखे-अनदेखे संसार में ले जाता है। ये कहानियां आपको कभी सोचने पर मजबूर करेंगी तो कभी सुकून देंगी। कभी आपको इनके किरदारों से चिढ़ होगी तो कभी सहानुभूति। इन्हें पढ़ कर कभी आप बेचैन होंगे तो कभी शांत। लेकिन ये कहानियां इस बात को स्थापित करती हैं कि एक औरत का महत्व समाज द्वारा उस पर लगाए गए ठप्पों से कहीं अधिक है।
सुष्मिता मुखर्जी-राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक-39 वर्ष लंबे सफर में 100 से भी अधिक भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों, 50 से अधिक टेलीविजन शो, वेब-सीरिज आदि में अभिनय। अनेक नाटकों में लेखन व अभिनय। लोकप्रिय टी.वी. धारावाहिक ‘करमचंद’ की किट्टी के तौर पर पहचान। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर, लेखिका व उद्यमी।
दीपक दुआ-1993 से फिल्म समीक्षक व पत्रकार। ‘सिनेयात्रा डाॅट काॅम’ सहित विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, वेब-पोर्टल, टी.वी. चैनलों, रेडियो आदि के लिए सिनेमा (व पर्यटन) से जुड़ा लेखन। फिल्म समीक्षकों की संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य।
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